ऑटोमोबाइल सेक्टर में भीषण मन्दी
पाँच ट्रिलियन अर्थव्यवस्था के कानफाड़ू शोर के बीच असली सच्चाई यह है कि देश की अर्थव्यवस्था मन्दी की गहरी खाई में गिरती जा रही है। पूँजीपतियों के मुनाफ़े की गिरती दर को बनाये रखने के लिए जनता को तबाही-बर्बादी के…
पाँच ट्रिलियन अर्थव्यवस्था के कानफाड़ू शोर के बीच असली सच्चाई यह है कि देश की अर्थव्यवस्था मन्दी की गहरी खाई में गिरती जा रही है। पूँजीपतियों के मुनाफ़े की गिरती दर को बनाये रखने के लिए जनता को तबाही-बर्बादी के…
लखनऊ में सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक संगठनों के कार्यकर्ताओं ने 10 जुलाई को बैठक करके एक स्वर में भोपाल से अमिता और मनीष श्रीवास्तव की गिरफ्तारी को अवैध बताते हुए रिहाई की मांग की। बैठक में इलाहाबाद से आईं सीमा…
जमीन पर जब खून गिरा हो तब स्याही का क्या वास्ता? 2 जून 1991 को जब डाला में निजीकरण का विरोध कर रहे श्रमिकों पर पुलिस ने गोलियां चलायीं तब नौ लोग शहीद हुए। छात्र राकेश तिवारी, कवि रामप्यारे विधि,…
27 जुलाई 2019 को बनारस से नागरिक समाज और सामाजिक कार्यकर्ताओं की एक जांच टीम सोनभद्र पहुंची। जांच टीम ने घटनास्थल का दौरा किया और पीड़ित परिवारों से मुलाकात की और अपनी रिपोर्ट सार्वजनिक की। हाल में सोनभद्र के घोरावल…
वाम दलों का साझा निंदा बयान उत्तर प्रदेश की चार वामपंथी पार्टियों माकपा, भाकपा (माले-लिबरेशन), एसयूसीआई (सी) और भाकपा (माले-रेड स्टार) ने सोनभद्र जिले के उभा गांव में भूमाफिया गिरोह द्वारा वनभूमि पर काबिज आदिवासियों के जनसंहार की कड़ी निंदा…
संपादकीय एक : जीरो बजट खेती की मृगतृष्णा मराठी कृषि विज्ञानी सुभाष पालेकर को 2016 में पदम श्री मिलने के बाद जीरो बजट प्राकृतिक खेती चर्चा में आया। अधिक वाणिज्यिक लागत वाली खेती और इससे उपजने वाली समस्याओं को देखते…
ब्रिटिश जेल से अपने समर्थकों को जारी अपने संबोधन में विकीलीक्स के संस्थापक जूलियन असांज ने दमनकारी परिस्थितियों का खुलासा करते हुए उनसे ब्रिटिश सरकार द्वारा उन्हें अमेरिका को प्रत्यर्पित करने के खिलाफ अभियान चलाने की बात की है। जूलियन…
सोलहवीं लोकसभा के चुनाव में मुसलमान सांसदों की संख्या 22 से बढ़कर 27 हो गयी है। फिर क्या माना जाए कि देश पुराने समय में लौट आया है और भाजपा अब मुसलमानों के खिलाफ उस रूप में उग्र नहीं रह…
संयुक्त राष्ट्र की आर्थिक एवं सामाजिक परिषद में इज़रायल के पक्ष में भारत का मतदान करना एक असाधारण घटना है. फलस्तीन के एक मानवाधिकार संगठन ‘शहीद’ ने इस वैश्विक संस्था में बतौर पर्यवेक्षक शामिल होने के लिए निवेदन किया था.…
पूँजीपति वर्ग की खुली तिजोरियों की ताक़त, झूठे राष्ट्रवाद के अन्धाधुन्ध प्रचार और चुनाव में तमाम तरह के हथकण्डों-घोटालों के दम पर मोदी सरकार एक बार फिर सत्ता में आ गयी है। संसद में मोदी के सद्भावना से भरे भाषण…