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सबकी बात

पुणे के कोरेगांव भीमा में पेशवाओं के खिलाफ महारों के युद्ध की 200वीं जयन्‍ती के उत्‍सव के दौरान हुई हिंसा को लेकर जो मुकदमा दर्ज किया गया था उसके नाम पर दिल्‍ली सहित देश भर से पिछले दो महीनों के…

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प्रेमचंद की भगवा लिंचिंग

बाबा साहेब आम्बेडकर के अधिग्रहण की मुहिम के बाद अब भगवा ताकतों के निशाने पर प्रेमचंद हैं. आरएसएस के मुखपत्र ‘पांचजन्य’ ने अपने 5 अगस्त (2018) के अंक को प्रेमचंद पर केन्द्रित किया है. हिंदुत्व के रंग में रंगने की…

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शेतकर्याची आसुड (किसान का चाबुक)

जोतीराव (ज्योतिबा) फुले 19वीं सदी के भारत के अग्रणी चिंतक थे, जिन्होंने भारतीय समाज को सदियों से जकड़े जातिगत और स्त्री उत्पीड़न के ब्राह्मणवादी विचार के विरुद्ध संघर्ष को आधुनिक समता बंधुत्व स्वतंत्रता की जनवादी दृष्टि से वैचारिक-सैद्धांतिक आधार प्रदान…

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नई नारायण कथाएं

1 जब राजा ने पेंदे के छेद से किया अग्नि का आवाहन! एक समय की बात है। धरती पर आर्यावर्त नामक देश में एक राजा हुआ करता था। राजा के राज्याभिषेक के बाद सदियों बाद ‘धर्म’ का राज स्थापित हुआ…

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वरवर राव की कुछ कविताएँ

कवि जब प्रतिगामी युग धर्म घोंटता है वक़्त के उमड़ते बादलों का गला तब न ख़ून बहता है न आँसू। वज्र बन कर गिरती है बिजली उठता है वर्षा की बूंदों से तूफ़ान... पोंछती है माँ धरती अपने आँसू जेल…

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अपनी बात 

नामाबर के इस दूसरे अंक के आने के साथ देश का सामाजिक वातावरण थोड़ा और संकटग्रस्‍त हो गया है। 2014 में नरेंद्र मोदी की सरकार केंद्र में आने के बाद अभी तक हमने हाशिये के तमाम समुदायों के ऊपर लगातार…

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क्रांति या पतन? मार्क्‍स की दोसौवीं सालगिरह पर उत्‍पादन के साधनों के बीच संक्रमण पर कुछ विचार

परिचय कार्ल मार्क्‍स न केवल उन्‍नीसवीं सदी के, बल्कि हमारे समकालीन दौर को समझने के लिहाज से भी बहुत बड़े चिंतक हैं। समाज की समझ विकसित करने की और कोई कोशिश इतनी उर्वर साबित नहीं हुई है, बशर्ते ''मार्क्‍सवादी'' लोग…

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झारखण्ड : लैंड बैंक के खिलाफ आदिवासियों की राज्यपाल से गुहार

8 जून 2018 को रांची में आदिवासी मूलवासी अस्तित्व रक्षा मंच के बैनर तले जनाधिकारों एवं मानवाधिकारों को लेकर विशाल जनरैली का आयोजन किया गया जो मोरहाबादी मैदान के पास से निकल कर कचहरी चौक होते हुए राजभवन तक पहुंची।…

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नागरिकता कानून में सांप्रदायिक संशोधन

मई के दूसरे सप्ताह में संयुक्त संसदीय समिति ने नागरिकता (संशोधन) बिल 2016 पर जनसुनवाई करने के लिए असम और मेघालय का दौरा किया। नागरिकता (संशोधन) बिल का मकसद नागरिकता एक्ट 1956 में संशोधन करना है। नागरिकता देने के लिए…

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कठुआ कांड: औरतों को यौन वस्‍तु समझने की राजनीति

महाराष्ट्र के पूर्व अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक और अब मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री सत्यपाल सिंह ने, जिन पर भारत के युवाओं की शिक्षा के प्रशासन की जिम्मेदारी है, अपनी समझदारी का नमूना दिखाते हुए यह दावा किया कि डार्विन गलत…

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