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बजट में किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ राष्ट्रव्यापी अभियान का एलान

बजट पेश किए जाने के बाद अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के बैनर तले हुई प्रेस वार्ता में समर्थन मूल्य संबंधी घोषणाएं किसानों को गुमराह करने वाला सफेद झूठ बताते हुए एलान किया गया कि किसान विरोधी नीतियों के…

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दो वयस्क शादी करें, तो कोई तीसरा उसमें दख़ल नहीं दे सकता: सुप्रीम कोर्ट

खाप पंचायत पर सुप्रीम कोर्ट ने कड़ा रुख दिखाते हुए कहा कि अगर दो वयस्‍क शादी करना चाहते हैं, तो कोई तीसरा व्यक्ति दखल नहीं दे सकता. अदालत ने यह स्पष्ट कर दिया कि शादी में न मां-बाप, परिवार, समाज…

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उड़ीसा में सामूहिक बलात्कार की शिकार लड़़की द्वारा आत्महत्या?

22 जनवरी को उड़ीसा के कोरापुट जिले में एक नाबालिग दलित लड़की ने आत्महत्या कर ली। 10 अक्टूबर, 2017 को उसे सामूहिक बलात्कार का शिकार बनाया गया था। उसने सुरक्षाबलों के चार जवानों के विरुद्ध सामूहिक बलात्कार करने की शिकायत…

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समाजवाद क्यों?

क्या किसी ऐसे व्यक्ति के लिए समाजवाद के विषय पर विचार व्यक्त करना उचित है कि जो आर्थिक और सामाजिक मुद्दों का विशेषज्ञ नहीं है? मैं यह मानता हूँ कि अनेक कारणों की वजह से यह (उचित) है। हमें इस…

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कासगंज की आग और अराजकता का अपराध शास्त्र

करणी सेना या गौ गुंडई को दैनिक जीवन में प्रश्रय देने वाला समाज, एक दिन कासगंज जैसे वीभत्स सांप्रदायिक दंगों या फरीदाबाद-गुड़गाँव मार्का सड़क छाप बलात्कारों को भुगतने को अभिशापित रहेगा। अपराध शास्त्र बताता है कि छोटे-मोटे अपराधों की शक्ल…

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राजनीति को पुनर्परिभाषित करता महार-पेशवा संघर्ष

सौ साल पहले पुणे के निकट भीमा नदी के तट पर कोरेगांव में एंग्लो-मराठा अंतिम युद्ध हुआ था। इससे भारत में ब्रिटिश हुकूमत की मजबूत पकड़ का पता चला। ब्रिटिश हुकमरान ने युद्ध में मारे गए लोगों की स्मृति में…

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पेरुमल मुरुगन, सोवेन्द्र हांसदा शेखर और अब ओमप्रकाश वाल्‍मीकि – निशाने पर ‘जूठन’

''तुम्हारी महानता मेरे लिए स्याह अंधेरा है / मैं जानता हूं / मेरा दर्द तुम्हारे लिए चींटी जैसा / और तुम्हारा अपना दर्द पहाड़ जैसा / इसलिए, मेरे और तुम्हारे बीच / एक फासला है / जिसे लम्बाई में नहीं…

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भाजपा के ‘गांधी” : दीनदयाल उपाध्‍याय

प्रतिबद्ध वामपंथी पत्रकार एवं न्यू सोशलिस्ट इनिशिएटिव से जुड़े हुए सामाजिक कार्यकर्ता सुभाष गाताड़े ने हाल में संघ के विचारक और एकात्‍म मानववाद के प्रणेता कहे जाने वाले पंडित दीनदयाल उपाध्‍याय पर अध्‍ययन कर के एक पुस्‍तक लिखी है। नवनिर्मिति,…

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हरिशंकर परसाई के लघु व्‍यंग्‍य

जनता की भावनाओं को स्‍वर देने का एक आसान लेकिन मारक माध्‍यम व्‍यंग्‍य है। हरिशंकर परसाई हिंदी के सर्वकालिक महानतम व्‍यंग्‍यकारों में हैं जिन्‍होंने सरल शब्‍दों में जनता के दुख-दर्द को रखा है। बरसों पहले लिखे गए ये लघु व्‍यंग्‍य…

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बाबा नागार्जुन की कविताएँ

बाबा नागार्जुन की कविताएँ आज़ादी के सात दशक में हम कहां पहुंचे हैं, इस पर चर्चा के दौरान अपनी बात कहने के साथ यह ज़रूरी हो जाता है कि हम उस जनतानस को भी टटोलें जो आज जिंदगी के बुनियादी…

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