सबकी बात
मिया कविता: मनुष्यता का प्रस्ताव
अराजनीतिक होने के, राजनीतिक होने की तरह ही, नितांत अपने खतरे हैं और उन ख़ास खतरों को न उठाना राजनीतिक होना है इसलिए अगर अराजनीतिक दिखने के खतरे उठाते हुए कहा जाए तो भी मिया कविता एक आन्दोलन है. हकीकी…
सबकी बात
अक्षर अक्षर रक्त भरा – कश्मीरी कवि निदा नवाज़ की ग्यारह कविताएं
अक्षर अक्षर रक्त भरा हमारे अपमानित इतिहास के हर काले पन्ने का अक्षर अक्षर है रक्त भरा। * एक बड़ा शोषण हमें चुप्पी तोड़नी होगी उन लोगों की जो एक रेवड़ की भांति हांक दिये जाते…
उनकी बात
हिंसक अनुभवों के मानसिक परिणाम: कश्मीर में जन्म लेती अदृश्य तबाही
मैं एक छोटे तंग कमरे में फर्श पर बैठा मरीज़ों को देख रहा था, जब मैंने कमरे के बाहर किसी के गिरने की आवाज़ सुनी। एक युवती बेहोश होकर गिरी हुई थी। मैंने फर्श पर ही उसकी जांच की, क्योंकि…
उनकी बात
मेरे बगल की सीट पर बैठा फ़रहद चार महीने बाद घर जा रहा था, लेकिन उसके चेहरे पर रत्ती भर उत्साह नहीं था. उसने 2 सितंबर को श्रीनगर जा रहे अपने एक दोस्त से अपने घर आने की सूचना भिजवायी…
आपकी बात
एक मां के नाम उसके बेटे का ख़त, जो कभी पहुंचा नहीं!
मेरे फ़ोन पर चमकते हुए अज्ञात नंबर को मैंने क्षेत्र कोड से पहचान लिया था। मुझे पता था कि वो मेरी माँ है। वो बाज़ार गयी थी (जो कि निस्संदेह बंद था) क्योंकि मेरी छोटी बहन को चॉकलेट चाहिए थी।…