skip to Main Content
UNHRC ने कश्मीर और असम पर जताई चिंता
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) ने कश्मीर में पिछले छह हफ्ते से जारी प्रतिबंध और असम में एनआरसी से बाहर हुए 19 लाख लोगों पर संकट को लेकर सोमवार को चिंता जताई. परिषद की अध्यक्ष मिशेल बैचलेट ने कहा, “कश्मीर में स्थानीय नागरिकों के लिए इंटरनेट पर रोक लगाना, नेताओं और कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेना गंभीर मुद्दा है.
मानवाधिकार परिषद के 42वें सत्र में मिशेल बैचलेट ने कहा, “मैं भारत सरकार और पाकिस्तान से अनुरोध करती हूं कि वे लोगों के मानवाधिकार का सम्मान करें और इसे सुनिश्चत करें. भारत से कर्फ्यू और बंद में ढील देने और लोगों को मूलभूत सामान उपलब्ध कराने की अपील करती हूं. हिरासत में रखे गए नेताओं के अधिकार भी सुनिश्चित करने चाहिए. कश्मीर में लोगों को अपने भविष्य को लेकर फैसले लेने के अधिकार मिले.
उन्होंने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि ऐसे किसी भी निर्णय की प्रक्रिया में कश्मीर के लोगों से मशविरा किया जाए और उन्हें शामिल किया जाए जिसका उनके भविष्य पर प्रभाव पड़ता है.
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार की प्रमुख मिशेल बैचलेट ने यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि असम में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) सत्यापन लोगों को राष्ट्र विहीन नहीं करे.
बैचलेट ने कहा कि असम में एनआरसी के कारण बाहरी लोगों में अपने भविष्य को लेकर चिंता है. उन्होंने सरकार से अपील की कि लोगों को अपनी नागरिकता साबित करने के लिए पर्याप्त समय प्रदान किया जाए, उन्हें हिरासत में न लिया जाए और न उन्हें राज्य से बाहर न किया जाए.
Back To Top