नीमराणा (राजस्थान)। लंबे संघर्ष के बाद 29 अगस्त को डाइकिन एरकंडिशनिंग कंपनी में यूनियन पंजीकृत हो गई। इस खबर से जहाँ मज़दूरों में उत्साह का माहौल है, वहीं प्रबंधन दमन की कार्यवाहियां बढ़ाने लगा। श्रमिकों का ट्रांसफर आदि होने लगा।
ज्ञात हो कि डाइकिन के मजदूर लगातार 2013 से कंपनी प्रबंधन के अत्याचार और शोषण के खिलाफ लड़ते आ रहा है। मजदूरों द्वारा यूनियन बनाने को लेकर प्रबंधन, श्रम विभाग, सरकार की गठजोड़ से मजदूरो के अधिकारों का हनन किया जा रहा है। 2013 में पहली यूनियन पंजीकरण पर स्थगनादेश दिया गया था, जो केस सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है। दूसरी यूनियन फाइल को अन्यायपूर्ण तरीके से खारिज किया गया।
यह तीसरी फाइल थी, जिसपर 16 जुलाई को जयपुर हाई कोर्ट ने श्रम विभाग को 45 दिन के अंदर निर्णय लेने का निर्देश दिया था। इस दौरान कंपनी ने यूनियन के प्रधान रुकुमुद्दीन व महासचिव दौलत राम सहित ज्यादातर पुराने यूनियन पदाधिकारियों को से बर्खास्त कर दिया है।