लोक लेखा समिति (पीएसी) के कुछ सदस्यों ने एयर इंडिया के विनिवेश पर सवाल उठाए और जानना चाहा कि केंद्र सरकार द्वारा संचालित इस एयरलाइंस को हुए भारी नुकसान के लिए किसे जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।
पीएसी की एक बैठक में उन्होंने एयर इंडिया और इंडियन एयरलाइंस के विलय के बाद इसे एक ही इकाई बनाने के फैसले के बावजूद एयर इंडिया में अपनी हिस्सेदारी बेचने के सरकार के फैसले पर सवाल उठाए।
सूत्रों ने बताया कि बैठक में भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने एयर इंडिया और नागरिक उड्डयन मंत्रालय के अधिकारियों से पूछा कि ‘विमानन सेवा को हुए भारी नुकसान के लिए किसे जवाबदेह क़रार दिया जाना चाहिए।’
उन्होंने बताया कि विनिवेश का विरोध करने वालों ने जानना चाहा कि ऐसे वक़्त में ऐसा निर्णय क्यों किया जा रहा है जब एयरलाइन सकारात्मक परिणाम दिखा रहा है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और लोकसभा सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे पीएसी के अध्यक्ष हैं। इस समिति में सत्तारूढ़ एवं विपक्षी पार्टियों के सदस्य शामिल होते हैं।
मालूम हो कि केंद्र सरकार एयर इंडिया में अपनी 76 प्रतिशत हिस्सेदारी निजी क्षेत्र के किसी चुनिंदा ख़रीदार को बेचने का निर्णय कर चुकी है। खरीदने वाली कंपनी को इस एयरलाइन का प्रबंधन भी सौपा जाएगा।
क़र्ज़ में डूबी एयर इंडिया की विनिवेश प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है। इस क्रम में प्राथमिक सूचना ज्ञापन भी जारी किया जा चुका है।
इसके साथ ही सरकार ने एयर इंडिया एक्सप्रेस में अपनी 100 प्रतिशत और विमानपत्तन सेवा कंपनी एयर इंडिया सैट्स एयरपोर्ट सविर्सेज प्राइवेट लिमिटेड (एआईएसएटीएस) संयुक्त उद्यम में अपनी 50 प्रतिशत की पूरी हिस्सेदारी बेचने का भी फैसला कर लिया है।
उधर, भाजपा के वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यन स्वामी ने केंद्र सरकार से मांग की कि एयर इंडिया की हिस्सेदारी की बिक्री 2019 के आम चुनाव के बाद के लिए टाल दी जाए। उन्होंने उड्डयन राज्यमंत्री जयंत सिन्हा को हटाने की भी मांग की।
उनका यह बयान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत की बीते सोमवार को की गई उस टिप्पणी के बाद आया है कि एयर इंडिया का प्रबंधन और नियंत्रण किसी भारतीय कंपनी के पास ही रहना चाहिए। उन्होंने सरकार को ‘देश के नभ क्षेत्र के स्वामित्व और नियंत्रण को खोने’ के प्रति सावधान रहने को कहा।
स्वामी ने बीते मंगलवार को एक ट्वीट में कहा, ‘मैं सरसंघ चालक मोहन भागवत की एयर इंडिया की बिक्री को लेकर समय पर दी गई चेतावनी का स्वागत करता हूं. मेरी नमो (नरेंद्र मोदी) को सलाह है कि इस बिक्री के प्रस्ताव को उन्हें 2019 के चुनाव के बाद के लिए टाल देना चाहिए. साथ ही जयंत सिन्हा को भी हटा देना चाहिए।’
इस संबंध में स्वामी के कार्यालय को भेजे गए संदेश और कॉल का जवाब नहीं मिला है। इस मामले में सिन्हा की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी।
भागवत ने कहा था, ‘यदि समस्या यह है कि एयर इंडिया को ठीक से नहीं चलाया गया तो इसे किसी ऐसे हाथ में दे दो जो इसे ठीक से चला सके पर वह केवल भारतीय ही होना चाहिए।’