जगदलपुर: 157 मामले दर्ज, 12 साल जेल में बिताए, एक भी मामले में सबूत नही मिला, अब हुई निर्दोष साबित। जगदलपुर केंद्रीय जेल में 12 साल से कैद निर्मलक्का की आखिरकार रिहाई हो गई। सुबह 11 बजे निर्मलक्का जेल से बाहर आई। उन्हें रिसीव करने सोनी सोरी पहुंची थीं। बाहर आने के बाद निर्मलक्का ने बताया कि उनके ऊपर 157 मामले दर्ज थे लेकिन किसी भी मामले में एक भी सबूत नहीं मिल पाया है। निर्मलक्का ने बताया कि एक अकेले केस को निपटाने में ही 10 साल लग गए।
बता दें कि नक्सली मुहिम में शामिल होने के आरोप में पकड़ी गई निर्मलक्का 12 साल बाद निर्दोष साबित हुई हैं। निर्मलक्का व उसके पति चंद्रशेखर रेड्डी को 2007 में रायपुर में गिरफ्तार किया गया था। निर्मलक्का के खिलाफ 157 मामले दर्ज किए गए थे।
विभिन्न मामलों में पुलिस द्वारा सबूत पेश किए जाने के अलावा गवाहों के बयान भी हुए। सभी तथ्यों की सूक्ष्म पड़ताल करने के बाद दंतेवाड़ा अदालत ने निर्मलक्का को दोषमुक्त पाया और कल 2 अप्रैल को उनकी रिहाई के आदेश जारी कर दिए गए।
निर्मलक्का ने बताया कि यहां से अब सीधा वे अपने पति और बच्चों के पास जाएंगी और वहीं रहेंगी। उन्होंने बताया कि पिछले साल उनके पति को भी जेल हो गयी थी। उनकी भी रिहाई हो चुकी है। निर्मलक्का ने बताया, ‘साल 2007 जुलाई से केस शुरू हुआ था। मेरा अंतिम मामला दंतेवाड़ा के फ़ास्टट्रैक कोर्ट से किया गया। शासन इस पूरे मामले में कोई भी सबूत जुटा नहीं पाया और कोर्ट को हमें छोड़ना पड़ा।‘
उन्होंने बताया कि वर्ष 2007, 2008, 2014, 2015 में भी उनके खिलाफ नए–नए मामले दर्ज होते रहे लेकिन किसी में भी अपराध साबित नहीं हो पाया।
यहां से निर्मलक्का पहले अपने मायके श्रीकाल जाएंगी, वहां से चितुर में ससुराल जहां पति और बेटा उनका इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने बताया, ‘’वहां उनके साथ मैं आम जिंदगी बिताऊंगी।‘’