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अपनी बात 

नामाबर का दोबारा प्रकाशन शुरू होने के बाद राष्‍ट्रीय घटनाक्रम तेज़ी से बदला है। ज़ाहिर है इसकी एक वजह लगातार हुए विधानसभा चुनाव और कुछ उपचुनाव रहे जिनके आधार पर क़यास लगाए जाने लगे कि लोकसभा चुनाव 2019 में न…

आपकी बात / रघुवीर सहाय की कुछ कविताएँ

हिंदू पुलिस बूढ़े सुकुल का जब अंत समय आया गिरते गिरते उसके शव ने मुँह बाया सठिआया अपाहिज कुछ समझ नहीं पाया सुना था जहाँ पर है कन्याकुमारी दूर उसी दक्षिण से जब पहली बारी गया आया हिन्दू तो गोली…

शरद जोशी के दो व्‍यंग्‍य

नेतृत्‍व की ताकत नेता शब्द दो अक्षरों से बना है- ‘ने’ और ‘ता’। इनमें एक भी अक्षर कम हो तो कोई नेता नहीं बन सकता । मगर हमारे शहर के एक नेता के साथ एक अजीब ट्रेजेडी हुई। वे बड़ी…

आरएसएस के ‘अंबेडकर’ यानी मक्कार इरादों का पुलिंदा

१ ‘सत्याग्रह के बावत हम गीता का आधार लेते हैं. कारण सत्याग्रह गीता का मुख्य प्रतिपादित विषय है. कृष्ण ने अर्जुन से कहा कि बैठो मत. जिन कौरवों ने तुम्हारा राज्य हड़पा है, उनसे युद्ध करने को तैयार हो जाओ.…

सबकी बात

हिंदी पट्टी में अगर नवजागरण की किसी एक प्रतीक प्रतिभा का नाम लेना हो तो राहुल सांकृत्यायन के अलावा कोई दूसरा नहीं सूझेगा। अंधविश्वास के ख़िलाफ़ तर्क और विज्ञान का झंडा बुलंद करने वाले, ‘भागो नहीं, दुनिया को बदलो’ की…

मंदिर-मस्जिद में भेद करने वाला योगी नहीं- गुरु गोरखनाथ!

यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 6 मार्च को विधानसभा में कहा-‘ मै हिंदू हूं, ईद नहीं मनाता। इसका मुझे गर्व है। मै जनेऊ धारण कर सिर पर टोपी डालकर कहीं मत्था नहीं टेकता। ’ योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री होने के…

एक है ‘फिरोज गाँधी कानून’, जिसने 60 साल पहले तानाशाही का खतरा भांप लिया था!

‘‘संसदीय लोकतंत्र और शासन व्यवस्था की सफलता का एकमात्र पैमाना जनाकांक्षा का सम्मान है और इसके लिये जरूरी है कि जनता को सदनों के कामकाज, उसके कार्य-व्यापार के बारे में जानने का अधिकार मिले। यह आपका और हमारा, हम सांसदों…

उसके प्रेम ने मुझे अवसाद के गहरे दलदल से उबार दिया!

स्टीफेन हाकिंग से बातचीत समय का संक्षिप्त इतिहास, ‘अ ब्रीफ हिस्ट्री ऑफ टाइम’ जैसी लोकप्रिय प्रसिद्ध किताब से स्टीफन हॉकिंग दुनिया भर में एक जाना पहचाना नाम कई साल पहले बन गए थे. 1993 में दूसरी किताब ‘ब्लैक होल्स एंड…

कठुआ कांड: औरतों को यौन वस्‍तु समझने की राजनीति

महाराष्ट्र के पूर्व अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक और अब मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री सत्यपाल सिंह ने, जिन पर भारत के युवाओं की शिक्षा के प्रशासन की जिम्मेदारी है, अपनी समझदारी का नमूना दिखाते हुए यह दावा किया कि डार्विन गलत…

नागरिकता कानून में सांप्रदायिक संशोधन

मई के दूसरे सप्ताह में संयुक्त संसदीय समिति ने नागरिकता (संशोधन) बिल 2016 पर जनसुनवाई करने के लिए असम और मेघालय का दौरा किया। नागरिकता (संशोधन) बिल का मकसद नागरिकता एक्ट 1956 में संशोधन करना है। नागरिकता देने के लिए…

झारखण्ड : लैंड बैंक के खिलाफ आदिवासियों की राज्यपाल से गुहार

8 जून 2018 को रांची में आदिवासी मूलवासी अस्तित्व रक्षा मंच के बैनर तले जनाधिकारों एवं मानवाधिकारों को लेकर विशाल जनरैली का आयोजन किया गया जो मोरहाबादी मैदान के पास से निकल कर कचहरी चौक होते हुए राजभवन तक पहुंची।…

क्रांति या पतन? मार्क्‍स की दोसौवीं सालगिरह पर उत्‍पादन के साधनों के बीच संक्रमण पर कुछ विचार

परिचय कार्ल मार्क्‍स न केवल उन्‍नीसवीं सदी के, बल्कि हमारे समकालीन दौर को समझने के लिहाज से भी बहुत बड़े चिंतक हैं। समाज की समझ विकसित करने की और कोई कोशिश इतनी उर्वर साबित नहीं हुई है, बशर्ते ”मार्क्‍सवादी” लोग…

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