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विष्‍णु खरे की कुछ कविताएँ

पिछले दिनों हिंदी के बड़े कवि विष्‍णु खरे नहीं रहे। लंबी बीमारी के बाद दिल्‍ली के एक अस्‍पताल में उनका निधन हो गया। वे दिल्‍ली की हिंदी अकादमी के उपाध्‍यक्ष थे और कुछ ही दिनों पहले यह पदभार ग्रहण करने…

मज़बूत सरकार-1

क्या भाजपा अपने सहयोगी दलों की सहायता से सरकार चला रही है? मुझे नहीं लगता! रामविलास पासवान जैसे मौसम वैज्ञानिक, चंद्रबाबू नायडू के विशेष राज्य, ओम प्रकाश राजभर के मुर्गा-दारू पक्का वोट, नितीश कुमार की अंतरात्मा और शिवसेना का सामना…

मज़बूत सरकार-2

केंद्र के बाद उत्तर प्रदेश में भी प्रचंड बहुमत के साथ भाजपा की सरकार ने पद भार ग्रहण किया। मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण करने के बाद आदित्यनाथ ने कहा- वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की योजनाओं को आगे बढ़ाएंगे। वादे…

पेरियार ललई सिंह यादव : तोपों की गड़गड़ाहट के बीच रोटियाँ सेंकने वाला क्रांतिकारी!

पढ़ाई के दौरान ही मैं डा. आंबेडकर और बौद्धधर्म के मिशन से जुड़ गया था। आस-पास के क्षेत्रों में जहाँ भी मिशन का कार्यक्रम होता, मैं भी उसमें भाग लेने चला जाता था। 11 मार्च 1973 को दिल्ली के रामलीला…

मंडल कमीशन लागू करने वाले 11 महीने के प्रधानमंत्री वीपी सिंह को किस रूप में याद किया जाए

आरक्षण के प्रणेता, उत्तरप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री (9 जून 1980 – 19 जुलाई 1982), भारत सरकार के पूर्व वित्त व रक्षा मंत्री एवं भारत के 7वें प्रधानमंत्री (2 दिसंबर 1989 – 10 नवंबर 1990) विश्वनाथ प्रताप सिंह (25 जून 1931…

सबरीमाला पर उदारपंथी दलीलों के खतरे

केरल के लिबरल लोगों को समझने के लिए सबरीमाला प्रकरण हमारा नया औज़ार हो सकता है। सबरीमाला विवाद पर कांग्रेस के सांसद शशि थरूर और पूर्व विदेश सचिव निरुपमा मेनन राव की दलीलों में निहित बौद्धिक खोखलापन एक बार निरीक्षण…

दशहरे के बाद की जंग

विजयादशमी (दशहरा) को प्रतीक और यथार्थ दोनों ही संदर्भों में शक्ति का पर्व माना जाता है। रावण का वध हो चुका है। सीता को छुड़ाया जा चुका है और मर्यादा पुरुषोत्‍तम राम अपना वनवास समाप्‍त कर के लौट रहे हैं।…

मैं नहीं मानता कि इंडियन स्टेट और डेमोक्रेसी बुर्जुआ के हाथ में चले गए हैं

अंग्रेज़ी के पत्रकार पी. साइनाथ ने 22 जून 2018 को एक लेख लिखकर देश भर के किसानों से आह्वान किया था कि वे भारी संख्‍या में दिल्‍ली की ओर कूच करें और संसद के बाहर डेरा डालकर कृषि संकट पर…

प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में महिलाएं नहीं दे सकतीं अपना मांग-पत्र

वाराणसी: नफरत और हिंसा की राजधानी के खिलाफ रोजी-रोटी-रोजगार के लिए ऐपवा ने संविधान दिवस पर महिला अधिकार मार्च निकाला.लम्बे समय से सरकार की गरीब विरोधी नीतियोँ के चलते दमन और उत्पीड़न झेल रही है पूर्वी उत्तर प्रदेश की मेहनकश…

‘दलित मुसलमान का मेला’ एक नई कोशिश नई पहल

भारत में मुस्लिम समुदाय को दलित कि सूची में नहीं माना जाता हैं लेकिन उनकी स्थिति दलितों से भी बदतर हैं. आज भी मुस्लिम अल्पसंख्यकों की कई जातियां हैं जिन्हें पसमांदा मुस्लिम कहते हैं वे आज भी तमामतर सरकारी योजना…

पत्रकारों पर हमले के खिलाफ पहला राष्‍ट्रीय सम्‍मेलन

देश में पत्रकारों पर हो रहे हमलों के विषय पर पहली बार दो दिन का एक राष्‍ट्रीय सम्‍मेलन दिल्‍ली के कांस्टिट्यूशन क्‍लब में 22 और 23 सितंबर, 2018 को आयोजित किया गया जिसमें करीब दस राज्‍यों के पत्रकारों ने शिरकत…

शेड्स ऑफ ग्रे – कोयला घोटाला: एक चिंगारी जिसने आग लगा दी

इतिहास में कुछ ऐसे मौके आते हैं जब वर्तमान में हो रही घटनाओं का भविष्‍य पर पड़ने वाला असर तुरंत भांपना मुमकिन नहीं होता। बस एक चिंगारी ऐसी आग लगाने की कुव्‍वत रखती है जो जिधर फैले, उधर सब कुछ…

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