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खेती का संकट और स्वामीनाथन की रिपोर्ट

खेती-किसानी का संकट आजकल आम चर्चा का विषय है। मजदूर वर्ग की बेहद खराब हालत पर पूरी तरह से चुप्पी साधने वाला पूंजीवादी प्रचारतंत्र भी इस संकट की कभी-कभी चर्चा किया करता है। सत्ताधारी पूंजीवादी पार्टियों की इस पर चुप…

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बम्पर उत्पादन के बावजूद विदेश से गेहूं का आयात किसानों के लिए लेकर आया है तबाही!

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा वर्ष 2022 तक देश के किसानों की आय दोगुनी करने, उनके फसल लागत का पचास प्रतिशत लाभ सुनिश्चित करने और किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के सरकारी दावों के बीच, इस खबर को कतई सामान्य नहीं कहा…

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जीडीपी की बाज़ीगरी और आंकड़ों की गुलाटी सरकार बहादुर को बहुत भारी पड़ सकती है

तीन साल पहले मोदी सरकार ने जब जीडीपी तय करने के मानदंड बदले थे और ग्रोथ रेट अचानक सात फ़ीसदी के आसपास पहुँच गई थी, तब मॉर्गन स्टेनली इंवेस्टमेंट मैनेजमेंट के चीफ़ ग्लोबल स्ट्रेटेजिस्ट रुचिर शर्मा ने टाइम्स ऑफ़ इंडिया…

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श्रम और पलायन

उस समय में जब उत्पादन का मुख्य साधन कृषि हुआ करता था तब गंगा के मैदानी भाग में जीवनपयोगी वस्तुओं का उत्पादन सरल था, निश्चित ही जीवन भी सहज ही था और इन परिस्थितियों में घनी आबादी होना भी लाज़मी…

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मोदी सरकार के चार साल के कार्यकाल में श्रम कानूनों की स्थिति

मोदी सरकार के कार्यकाल का चौथा वर्ष आते-आते इसकी नीतियों और हरकतों से जनता का असन्तोष बहुत बड़े पैमाने पर फैल चुका है। मोदी और भाजपा के ‘’भक्तों'' में से भी बहुतों का अलग-अलग कारणों से इससे मोहभंग तेज़ी से…

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आम बजट में ‘स्वास्थ्य बीमा’ कहीं निजी बीमा कंपनियों को मुनाफा पहुंचाने का जुमला तो नहीं?

देश के आम बजट 2018 में “50 करोड़ लोगों को स्वास्थ्य बीमा”को जिस प्रकार मीडिया बेहतरीन स्वास्थ्य बजट बताकर पेश कर रहा है, उससे खुश लोगों को मेरी यह रिपोर्ट थोड़ा निराश कर सकती है। अभी वित्त मंत्री ने अपने…

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बजट में ‘मोदी केयर’ का मतलब एक व्यक्ति पर केवल 40 रुपये का सरकारी खर्च?

बजट 2018 की घोषणा करते हुये वित्तमंत्री ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा योजना का एलान किया। वित्त मंत्री ने बजट पेश करते हुए कहा कि इस योजना के तहत देश के 10 करोड़ गरीब और वंचित परिवारों के लिए ये योजना…

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बजट में गांव कहां है?

2018-19 के वित्तीय बजट के माध्यम से मोदी जी ने वादा किया है कि यह बजट ग्रामीण क्षेत्रों के विकास पर केंद्रित है। मोदी जी की सरकार को 26 मई 2018 को चौथा साल पूरा हो जायेगा। संसद से सड़क…

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बैंक घोटाले, मोदी सरकार और पूँजीवाद

बैंक मानव उपभोग लायक कुछ भी उत्पादित नहीं करते। पहले उनका मुख्य काम सिर्फ़ व्यापारिक गतिविधियों की विभिन्न पार्टियों के बीच तय शर्तों और वक़्त पर सही भुगतान सुनिश्चित करना और इसका सही हिसाब रखना था। साथ ही जिनके पास…

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संपादकीय

नरेंद्र मोदी के नेतृत्‍व में भारतीय जनता पार्टी का मई 2014 में देश की सत्‍ता में आना एक लिहाज से वाकई बहुत सकारात्‍मक रहा है। इसे ऐसे समझें कि इस सरकार ने बीते चार साल के अपने कार्यकाल में आर्थिक…

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